सोमवार, 27 सितंबर 2010

चाह नहीं...

मोहब्बत में जो मिट जाता है,
वो कुछ कह नहीं सकता।
ये वो कूचा है जिसमे,
दिल सलामत रह नहीं सकता।
कि सारी दुनिया यहाँ तबाह नहीं,
कौन है जिसके लब पे आग नहीं।
उस पर दिल जरुर आएगा,
जिसके बचने कि कोई राह नहीं।
ज़िन्दगी आज नजर मिलते ही लुट जाएगी,
कि अब और जीने कि चाह नहीं।

शनिवार, 11 सितंबर 2010

1901 में हुई ब्लड ग्रुप की खोज

कार्ल लैंड्सटईनेर ने 1901 में खून के ग्रुप ए, बी, बी, और की खोज की थी। इससे पहले खून के ग्रुप के बारे में जानकारी ना होने के कारण लोगो को काफी समस्याओ का सामना करना पड़ता था। 1628 में पहली बार एक कुत्ते से दुसरे कुत्ते को खूनका संचालन किया गया था। 1667 में एक व्यक्ति को किसी पशु का खून देते समय उसकी मौत हो गयी थी। 1678 में खून संचालन को गैर क़ानूनी घोषित कर दिया गया था। 1818 में एक व्यक्ति की नाड़ीमें छेड़ करके नाली के माध्यम से उसमे खून डाला गया, लेकिन ग्रुप मैच ना होने के कारन खून वही जम गया। कार्ल लैंड्सटईनेर ने खून की ग्रुपों की खोज की तो बहुत से लोगों को जीवन दान मिला।

सोमवार, 6 सितंबर 2010

तुम्हारी याद ....

है दिल में आह होंठो पे मेरी फ़रियाद का मौसम ,
अभी तक नम है अश्को से मेरी रूहाद का मौसम .

हजारो रंग बदले हैं ज़माने की फिजाओ ने ,
मगर दिल से नहीं जाता तुम्हारी याद का मौसम .

कभी ख्वाबो में रहता हूँ , कभी जागे ही सोता हूँ ,
तुम्हारी याद में जानम मै हर पल ही रोता हूँ .

कब पलके नहीं भींगी , गला कब तर्ख नहीं होता ,
बैठ महफ़िल में कैसे कहू की जुदाई का दर्द नहीं होता .

कभी सिसकियाँ नहीं बदली , ना ही आहों का रुख मोड़ा ,
बस दिल ही दिल में तडपा हूँ , चुपचाप ही मरता हूँ .

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